Tuesday, April 12, 2011

Aa Chalke Tujhe-Door Gagan Ki Chahon Mein

Mera Jeevan Kora kagaz korahi reh gaya

Kora Kagaz tha man mera - Aradhana

हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के....

पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के

हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के ...

देखो कहीं बरबाद न होवे ये बगीचा
इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...

दुनिया के दांव पेंच से रखना न वास्ता
मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता
भटका न दे कोई तुम्हें धोके मे डाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...

एटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनिया
बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया
तुम हर कदम उठाना जरा देखभाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...

आराम की तुम भूल भुलय्या में न भूलो
सपनों के हिंडोलों मे मगन हो के न झुलो
अब वक़्त आ गया मेरे हंसते हुए फूलो
उठो छलांग मार के आकाश को छू लो
तुम गाड़ दो गगन में तिरंगा उछाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...

Friday, April 8, 2011

nature...........

natural beauty........

असर तो जरुर छोड़ेगे ....

अगर तूफ़ान में जिद है ... वह रुकेगा नही तो मुझे भी रोकने का नशा चढा है ।
देख लेगे तुम्हारी जिद या मेरा नशा ... किसमे कितना ताकत है ।
तुम्हारी जिद से मेरा सितारा डूबने वाला नही । हम दमकते साए है ।
असर तो जरुर छोड़ेगे ।

Tuesday, April 5, 2011

ऐ मेरे वतन के लोगों....

ऐ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो -२
जो लौट के घर न आये -२


ऐ मेरे वतन के लोगों 
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
 
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा 

सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए है उनकी 
जरा याद करो कुर्बानी 
जब देश में थी दीवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो आपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद..

कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला 
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पवर्अत पर
वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद...

थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवा के

जब अन्त-समय आया तो
कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए ...
 
तुम भूल न जाओ उनको
इस लिये कही ये कहानी
जो शहीद हुए ...
 
जय हिन्द... जय हिन्द की सेना -२
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द