सास गारी देवे, देवर जी समझा लेवे
ससुराल गेंदा फूल
सैंया छेड़ देवें, ननद चुटकी लेवे
ससुराल गेंदा फूल
छोड़ा बाबुल का अंगना, भावे डेरा पिया का हो
सास गारी देवे, देवर समझा लेवे
ससुराल गेंदा फूल
सैंया है व्यापारी, चले हैं परदेश
सुरतिया निहारूं, जियरा भारी होवे
ससुराल गेंदा फूल
बुशर्ट पहनके, खाइके बीडा पान
पूरे रायपुर से अलग है, सैंया जी की शान.
Tuesday, May 8, 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment