Monday, November 30, 2009

दिल ऐसा किसी ने मेरा तोडा ...



कहने को तो ..... नीला आसमान मेरे चारो तरफ़ लहरा रहा है । पर मेरे लिए एक मुठ्ठी भर भी नही बचा ।
चाहत तो एक मुठ्ठी भर आसमाँ की ही थी । वह भी मुअस्सर नही ।
सूरज की किरणे मुझ पर भी वैसे ही पड़ती है , जैसे दूसरो पर गिरती है । अफ्शोश !मुझमे गर्मी पैदा करने की
ताकत उसमे नही ।
कौन जानता ...मै वह अन्धकार बन गया हूँ , जिसपर उजाले का कोई असर नही ।



दिल ऐसा किसीने मेरा तोडा, बरबादी के तरफ ऐसा मोडा
एक भले मानुष को अमानुष बनाके छोडा
दिल ऐसा किसीने मेरा तोडा, बरबादी के तरफ ऐसा मोडा

सागर कितना मेरे पास है, मेरे जीवन में फिर भी प्यास है
है प्यास बढ़ी जीवन थोडा अमानुष बनाके छोडा
दिल ऐसा किसीने मेरा तोडा, बरबादी के तरफ ऐसा मोडा

कहते हैं यह दुनिया के रास्ते, कोई मंज़िल नहीं तेरे वास्ते
नाकामियों से नाता मेरा जोडा अमानुष बनाके छोडा
दिल ऐसा किसीने मेरा तोडा, बरबादी के तरफ ऐसा मोडा

डूबा सूरज फिर से निकले रहता नहीं है अँधेरा
मेरा सूरज ऐसा रूठा देखा न मैंने सवेरा
उजालों ने साथ मेरा छोडा, अमानुष बनाके छोडा
दिल ऐसा किसीने मेरा तोडा, बरबादी के तरफ ऐसा मोडा
एक भले मानुष को अमानुष बनाके छोडा
दिल ऐसा किसीने मेरा तोडा, बरबादी के तरफ ऐसा मोडा

....

Tuesday, November 10, 2009

एक छोटी सी आशा ...

अगर तूफ़ान में जिद है ... वह रुकेगा नही तो मुझे भी रोकने का नशा चढा है ।
देख लेगे तुम्हारी जिद या मेरा नशा ... किसमे कितना ताकत है ।
तुम्हारी जिद से मेरा सितारा डूबने वाला नही । हम दमकते साए है ।
असर तो जरुर छोड़ेगे ।

.........ये गीत मुझे बेहद पसंद है ..... छोटी आशा ही सारे संसार में उजाला कर सकती है ।