Friday, April 17, 2009

तू गंगा की मौज ....

tu ganga ki mauj main

यह गाना जीवन दर्शन है .....

Sunday, April 12, 2009

कही दूर जब दिन ढल जाए ......

कही दूर जब दिन ढल जाए , सांझ की दुल्हन बदन चुराए ... मेरे खयालो के आँगन में सपनों का दीप जलाए ॥
यह गाना दिल को छू लेता है । जिंदगी की हकीकत को बयां करता है । मुकेश साहब की आवाज में जो दर्द देखने को मिला है ... अन्यत्र दुर्लभ है । दर्द होते हुए भी मुस्कुराना है यही तो जिंदगी का नाम है ... आप भी मजा लीजिये इस दर्द भरी दास्ताँ का ......


Wednesday, April 1, 2009

यह गाना दिल को छू जाता है .... आप भी सुनिए , रफी साहब की आवाज में ....